मानव प्रतिरक्षा प्रणाली (human immune system) बैक्टीरिया और वायरस जैसे रोगजनक जीवों से लड़ने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित है। हालांकि, एक अतिसंवेदनशील प्रतिरक्षा प्रणाली (oversensitive immune system) हानिरहित पदार्थों के खिलाफ भी अपने रक्षात्मक रवैये की वजह से एलर्जिक रिएक्शन पैदा करते हैं। इनमें से अधिकांश प्रतिक्रियाएं त्वचा पर चकत्ते (Rashes) और खुजली के रूप में प्रकट होती हैं, जो काफी कष्टप्रद हो सकती है। त्वचा की एलर्जी के विभिन्न प्रकार होते हैं, जैसे एक्जिमा, ऐटोपिक डरमैटिटिस, कॉन्टैक्ट डर्मेटिटिस, खराश या पित्ती, सूजन या एंजियोएडेमा आदि।
चित्र: चकत्ते |
एलर्जी पर पहला उपाय है कि खुजली होने पर उसे खुजाना नही चाहिए खासकर नाखूनों से। पारंपरिक उपचार में आमतौर पर त्वरित राहत पाने के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड क्रीम और एंटीहिस्टामाइन का उपयोग किया जाता है। हालांकि, एलोपैथी उपचार बहुतसे दुष्प्रभावों (side effects) के साथ आते हैं, जिससे त्वचा की एलर्जी पर प्राकृतिक उपचार करना बेहतर साबित हो सकता हैं। जब त्वचा की एलर्जी के लिए घरेलू उपचार (Home Remedies for skin allergy) की बात आती है, तो आयुर्वेद जानकारी के सर्वोत्तम स्रोतों में से एक है, जिसमें आजमाए और परखे हुए उपचारों का संग्रह है।
त्वचा की एलर्जी का घरेलू उपचार (Home Remedies for Skin Allergy)
1. खुजली को ठंडा करना (Cooling the Itch):
खराश के दर्द और खुजली को रोकने का सबसे तेज़ और आसान तरीका है इसे ठंडा करना। यह ठंडे जल से स्नान करके, प्रभावित क्षेत्र पर एक नम कपड़े या मेन्थॉल युक्त किसी भी मलहम का उपयोग करके किया जा सकता है। यह पाया गया है कि पुदीने की पत्तियों से मेन्थॉल भी उसी कोल्ड सेंसर को सक्रिय करके खुजली में राहत प्रदान करता है, हालांकि यह वास्तव में त्वचा के तापमान को कम नहीं करता है। यह तत्काल राहत ला सकता है क्योंकि यह सूजन को कम करता है, खुजली को कम करता है और चकत्तों की प्रगति को धीमा कर देता है। ठंड के कारण रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे सूजन वाले क्षेत्र में रक्त का प्रवाह सीमित हो जाता है और हिस्टामाइन का प्रभाव सीमित हो जाता है। यह एलर्जी से होनेवाली त्वचा की खुजली की गंभीरता और अवधि को कम करने में मदद करता है।
2. नारियल का तेल (Use of Coconut Oil):
सूजन वाली त्वचा पर नारियल का तेल सुरक्षित और कोमल होता है और आप इसे त्वचा के प्रभावित क्षेत्रों चाहे आपके शरीर पर या सिर पर प्राकृतिक मॉइस्चराइजर के रूप में उपयोग कर सकते हैं। वर्जिन (रसायन प्रक्रिया रहित) नारियल का तेल सबसे अच्छा विकल्प है क्योंकि इसमे एंटीऑक्सीडेंट और रोगाणुरोधी गुण बरकरार रहते है। वर्जिन नारियल तेल में जीवाणुरोधी (antibacterial), विषाणुरोधी (antiviral), सूजन कम करनेवाले और उपचारात्मक गुण होते हैं। 2004 में एक नैदानिक परीक्षण में पाया गया कि इसने अन्य स्थितियों के साथ सूखी, पपड़ीदार, खुजली वाली त्वचा (xerosis) और ऐटोपिक डरमैटिटिस की सूजन वाले लोगों में त्वचा के हाइड्रेशन और लिपिड स्तर में सुधार किया। यह घाव भरने में भी प्रभावी साबित हुआ है।
Fungal Infection |
3. ओटमील बाथ (Oatmeal Bath):
ओट्स (avena sativa) का उपयोग सालों से एक्जिमा (Eczema) से लेकर जली हुई त्वचा के इलाज के लिए किया जाता रहा है। यू.एस. फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (USFDA) ने 2003 में कोलाइडल ओटमील के उपयोग को त्वचा की रक्षा करने वाले के रूप में मंजूरी दी थी। कोलाइडल ओटमील को स्नानजल में घोलकर नहाने से खुजली और सूजन से राहत मिलती है। इसमें लिनोलीक ऑयल (linoleic oil), ओलिक एसिड और एवेनथ्रामाइड्स (avenanthramides) जैसे एंटी-इंफ्लेमेटरी पदार्थ होते हैं, जो इसे इतना प्रभावी बनाते हैं। ये पदार्थ कोशिकाओं (cells) द्वारा स्रावित साइटोकाईन्स प्रोटीन के स्तर को शरीर में कम करते हैं जो सूजन का कारण होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप त्वचा में खुजली, सूखापन और खुरदरापन होता है।
4. घृतकुमारी /एलो वेरा (Aloe Vera Gel for Skin Allergy):
घृतकुमारी प्राकृतिक त्वचा देखभाल उत्पादों में सबसे लोकप्रिय और व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली हर्बल सामग्री में से एक है। यह घाव भरने के गुणों के अलावा रोगाणुरोधी, एंटीवायरल और एंटीऑक्सिडेंट गुणों से भरपूर है। घृतकुमारी का पत्ता काटनेपर आप देखेंगे कि इसमें ट्रांसपरेंट जेल है, यह जेल प्रभावित जगह पर लगाने से त्वचा की खुजली और जलन के एहसास को शांत करता है।
घृतकुमारी (aloe vera) |
एलर्जी (Skin Allergy) प्रभावित जगह को धोकर सुखाने के बाद घृतकुमारी का जेल लगाने से यह त्वचा में अच्छी तरह से अवशोषित होता है। घृतकुमारी में विटामिन बी -12, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, विटामिन ए, सी, ई, एसेंशियल फैटी एसिड, एंजाइम, कार्बोहाइड्रेट और स्टेरोल होता है जिससे यह खुजली में राहत प्रदान करता है। कच्चे घृतकुमारी का उपयोग करते समय किसी-किसी को एलर्जी की समस्या हो सकती है, इसलिए उपयोग करने से पहले त्वचा पर एक छोटा सा पैच टेस्ट करना अच्छा रहेगा।
Skin rashes |
5. हल्दी (Turmeric):
हल्दी, जिसे दुनिया भर में टर्मरिक (turmeric) के नाम से भी जाना जाता है, लगभग सभी त्वचा उपचारों में एक प्रमुख आयुर्वेदिक घटक है। इसके सौम्य और संतुष्टिजनक प्रभावों के कारण इसे बहुत अधिक माना जाता है। हल्दी घावों को कीटाणुरहित करने के लिए एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक के रूप में कार्य करता है, जीवाणु संक्रमण से लड़ता है और घाव भरने में मदद करता है इसलिए यह एक उपचारकारक और सौंदर्यवर्धक दोनों के रूप में काम करता है।
हल्दी (Turmeric) |
बहुतसे अध्ययनों में पाया गया है कि इसमें त्वचा को गोरा करनेवाला गुणधर्म है, यह त्वचा को प्राकृतिक चमक बहाल करता है। हल्दी को सनबर्न, त्वचा की एलर्जी और सोरायसिस से बचाव करने के लिए भी जाना जाता है।
6. बेकिंग सोडा (Baking Soda):
बेकिंग सोडा (Sodium Bicarbonate) खुजली वाली त्वचा, त्वचा की खराश, बिछु का पौधा या कीड़े के काटने पर एक पुराना उपाय है। बेकिंग सोडा त्वचा के पीएच को संतुलन में रखकर एसिड-क्षार के स्तर को स्थिर करने में एक बफर के रूप में कार्य करता है। सूजन वाली त्वचा को शांत करने के अलावा, बेकिंग सोडा त्वचा की फंगल इंफेक्शन से लड़ने के लिए भी जाना जाता है।
Eczema |
7. नीम (Neem):
चाहे आप भारत में कहीं भी रहें, नीम सदियों से त्वचा की अधिकांश बीमारियों का रामबाण इलाज रहा है। चिकनपॉक्स जैसे संक्रमणों से होने वाली खुजली को दूर करने के लिए इसका व्यापक रूप से घरेलू उपचार के रूप में उपयोग किया जाता है और यह एलर्जी प्रतिक्रियाओं से उत्पन्न त्वचा की सूजन और पित्ती से राहत दिलाने में भी उतना ही प्रभावी है। नीम को अक्सर आयुर्वेदिक त्वचा देखभाल उत्पादों (skin care products) और दवाओं में एक प्राथमिक घटक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि इसमे रोगाणुरोधी गुणधर्म है और त्वचा दाह में राहत प्रदान करता है। कुछ शोधों से यह भी पता चलता है कि इसमें एंटीहिस्टामाइन गुण भी होते हैं।
नीम के पत्ते (Neem Leaves) |
जब त्वचा की एलर्जी को ठीक करने की बात आती है, तो सबसे महत्वपूर्ण चीज जो आप कर सकते हैं, वह है ऐसी एलर्जी के ट्रिगर यानी एलर्जी होनेवाली चीज-पदार्थ की पहचान करना। यह समय लेने वाला और कभी-कभी व्यर्थ हो सकता है, इसलिए इस बीच जल्दी राहत पाने के लिए त्वचा के लिए पुराने उपचार और आयुर्वेदिक हर्बल दवाओं प्रयोग करना उचित रहेगा। हानिकारक रसायनों वाले कॉस्मेटिक उत्पादों को चुनने के बजाय प्राकृतिक हर्बल त्वचा देखभाल उत्पादों का उपयोग करना एक समझदारी भरा निर्णय साबित होगा।
Posted By : Shikshamahal