त्वचा व श्वसनसंस्था की एलर्जी के लिए घरेलू उपाय -2| Indian Home remedies for Skin and Respiratory tract allergy -2

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एलर्जी आज इतनी व्यापक हो गई है कि हम अक्सर उन्हें अनदेखा कर देते हैं जब तक कि वे शरीर को दुर्बल न बना दें या दृश्य दोष पैदा न करें। त्वचा की, श्वसन की, भोजन से, पालतू जानवर से, मौसम में बदलाव और दवाइयोंसे होनेवाली एलर्जी सहित विभिन्न प्रकार की एलर्जी होती है, लेकिन सबसे आम त्वचा और श्वसनसंस्था की एलर्जी हैं। खाद्य और दवा एलर्जी से आसानी से निपटा जा सकता हैं, बस आपको एलर्जी उत्पन्न करनेवाले पदार्थ व दवाइयों से दूर रहना हैं। श्वसन और त्वचा की एलर्जी को विभिन्न प्राकृतिक उपचारों के माध्यम से ठीक किया जा सकता। प्राकृतिक चिकित्सा के मामले में आयुर्वेद जड़ी-बूटियों और प्राकृतिक एलर्जी उपचारों के बारे में जानकारी के सर्वोत्तम स्रोतों में से एक है।
यहां, इस पोस्ट में कुछ सबसे प्रभावी प्राकृतिक दवाओं और उपचारों की सूची दी गई है ताकि आप एलर्जी से राहत के लिए प्रभावशाली घरेलू उपचार ढूंढ सकें जो आपके लिए सबसे अच्छा काम करता है।

त्वचा की एलर्जी के लिए प्राकृतिक चिकित्सा और घरेलू उपचार (Home Remedy for Skin Allergy)

1 . मंजिष्ठा (Manjishtha):

मंजिष्ठा नीम की तरह लोकप्रिय या प्रसिद्ध नहीं है, लेकिन यह एलर्जी सहित त्वचा के अनेकों दोषों से राहत दिलाने में कम प्रभावी भी नहीं है।

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Image: मंजिष्ठा (Manjishtha)

आयुर्वेद में इस जड़ी बूटी को इसके विषहरण (detoxification) और रक्त शोधन (blood purification) प्रभावों के वजह से अत्यधिक महत्व प्राप्त है, इससे एलर्जी ग्रस्त त्वचा की जलन और सूजन से तुरंत राहत मिलती है। मंजिष्ठा को त्वचा के रोग हरने के लिए भी जाना जाता है और यह एलर्जी या रूखी त्वचा को खुजाने से उत्पन्न संक्रमण के जोखिम को कम करता हैं। त्वचा की एलर्जी से राहत के लिए आप मंजिष्ठा पाउडर को गुलाब जल और शहद के साथ पेस्ट के रूप में त्वचा के प्रभावित क्षेत्रों पर लगा सकते हैं। एलर्जी के लिए मंजिष्ठायुक्त आयुर्वेदिक दवाई का सेवन भी आप कर सकते है।

2. आयुर्वेदिक दवाएं (Ayurvedic Medicines):

हम जानते है की एलर्जी ग्रस्त त्वचा पर दवाई लगाने से जल्द ही रहत मिलती है लेकिन जब एलर्जी गंभीर हो तो दवाइयो का मुँह से सेवन करना अधिक लाभप्रद होता है। आयुर्वेदिक दवाओंके नियमित सेवन से गंभीर-से-गंभीर त्वचा एलर्जी रिएक्शंस का खतरा भी कम हो सकता है। त्वचा एलर्जी की आयुर्वेदिक दवा (Ayurvedic Medicines) चुनते समय उसमे हरद, आंवला, मंजिष्ठा, काली मिर्च और गुग्गुल जैसी जड़ीबूटियोंका होना सुनिश्चित करना चाहिए।


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Image: हरद, आंवला, काली मिर्च और गुग्गुल

इन जड़ी-बूटियों को उनके डिटॉक्स और पाचन लाभों के लिए जाना जाता है, जो स्वस्थ चमकती त्वचा के लिए आवश्यक होते हैं। इन जड़ी बूटियों के इम्यूनो-मॉड्यूलेटरी, एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुण भी त्वचा की सूजन और एलर्जी विकारों को दूर करने या रोकने में मदद करते हैं।

3. हर्बल फेस पैक (Herbal Face Pack):

एलर्जिक त्वचा रिएक्शन को रोकने का एक उपाय यह भी है की आप तेज केमिकलयुक्त कास्मेटिक का इस्तेमाल कम करें या बंद करे. इसके बजाय आप हर्बल फेस पैक का उपयोग कर सकते है जिसे घर पर तैयार करना आसान हैं। आप प्राकृतिक फेस पैक बनाने के लिए शहद, गुलाब जल, हल्दी पाउडर, बेसन और चंदन पाउडर जैसी आयुर्वेदिक सामग्री का उपयोग कर सकते हैं। आप आयुर्वेदिक हर्बल फेस पैक और क्लीन्ज़र का उपयोग कर सकते हैं जिसमें लोधरा, हल्दी, कपूर, मेन्थॉल और धनिया जैसे तत्व होते हैं। इन जड़ी बूटियों का ऐसा संयोजन त्वचा को एक सुखदायक प्रभाव प्रदान करता है जो सूजन और जलन को जल्दी से राहत देता है.

⇒ त्वचा की एलर्जी पर घरेलू उपचार


श्वसनसंस्था की एलर्जी के लिए प्राकृतिक चिकित्सा और घरेलू उपचार (Home Remedy for Respiratory System Allergy)

1. आयुर्वेदिक इनहेलेंट (Ayurvedic Inhalents):

अस्थमा (Asthama) और गंभीर श्वसन एलर्जी के लिए आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले (Allopathic inhalers) इनहेलेंट जीवन रक्षक उपचार हो सकते हैं, लेकिन इसका उपयोग केवल आपात (Emergency) स्थिति में ही किया जाना चाहिए। इस तरह के इनहेलर का लंबे समय तक और लगातार उपयोग प्रभावकारिता को कम करने, फेफड़ों के हाइपरइन्फ्लेशन, उच्च रक्तचाप, हृदय संबंधी अनियमितता और अन्य गंभीर दुष्प्रभाव उत्पन्न कर सकते हैं। इसके विपरीत हर्बल आयुर्वेदिक इनहेलर्स श्वसन संबंधी एलर्जी से निपटने के लिए नियमित उपयोग के लिए अधिक सुरक्षित विकल्प है। हर्बल अर्क और मेन्थॉल (पेपरमिंट), नीलगिरी, तुलसी, चंदन, और ब्राह्मी जैसे तेलों से युक्त आयुर्वेदिक इनहेलर श्वसनमार्ग की सूजन को दूर करने, श्वसनमार्ग को खोलने और सांस लेने को आसान बनाने में बेहद प्रभावी हो सकते हैं। अध्ययनों से पता चला है कि पुदीना या मेन्थॉल तेल और नीलगिरी जैसे तत्व ब्रोन्कियल अस्थमा (bronchial asthma) और एलर्जिक राइनाइटिस (allergic rhinitis) के लक्षणों से भी राहत दिला सकते हैं।

2. आयुर्वेदिक दवाएं (Ayurvedic Medicines):

एलर्जी की आयुर्वेदिक दवाएं श्वसनसंस्था की एलर्जी से निपटने के लिए सबसे अच्छे विकल्पों में से एक हैं (indian home remedies for cold and sneezing), चाहे सर्दी और कफ (Cold and cough) का जमाव हो, खांसी, या घरघराहट और सांस लेने में कठिनाई हो।

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Image: ज्येष्ठिमधु (Mulethi)

ज्येष्ठिमधु, ब्राह्मी, तुलसी और कपूर जैसे हर्बल अर्क युक्त हर्बल सिरप और गोलिया अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-स्पास्मोडिक प्रभावों के कारण एलर्जीक खांसी के उपचार के रूप में बेहद मददगार होते हैं। सितोपला, काली मिर्च, इलाइची और ज्येष्ठिमधु जैसी जड़ी-बूटियों से युक्त हर्बल दवा (herbal Medicines)/काढ़ा भी मददगार होगा क्योंकि इस तरह के संयोजन से श्वसन और प्रतिरक्षा प्रणाली (Immunity System) मजबूत होती है, जिससे एलर्जी का खतरा कम होता है। किसी भी बेहतरीन एलर्जी दवाओं में आप यह सामग्री विशेष रूप से पाएंगे.

3. हर्बल चाय

आजकल हर्बल चाय (herbal Tea) चलन ज्यादा है, विशेषतः ग्रीन-टी (Green Tea) अपने विषहरण गुणों से काफी लोकप्रिय हो रही है। आयुर्वेद पर आधारित पारंपरिक भारतीय हर्बल चाय (Traditional Indian Herbal Tea) श्वसन संबंधी एलर्जी और संक्रमण से राहत दिलाने में कहीं अधिक प्रभावी हैं। अदरक, तुलसी, पुदीना और मंजिष्ठा जैसी जड़ी-बूटियाँ एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, इम्यूनोमॉड्यूलेटरी, रोगाणुरोधी और ब्रोन्कोडायलेटरी प्रभावों के लिए जानी जाती हैं।


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Image: तुलसी (Indian Holy Basil)

हर्बल चाय तैयार करने के लिए कप उबलते पानी में अदरक के कुछ स्लाइस या कुछ पुदीना या तुलसी के पत्ते या एक चौथाई चम्मच मंजिष्ठा पाउडर मिलाएं और इसे कुछ मिनटों के लिए छोड़ दें। इनमे से कोई भी जड़ीबूटी का इस्तेमाल आप हर्बल चाय के लिए करें, आप प्राकृतिक मिठास के रूप में एक चम्मच शहद (Honey) उसमें मिला सकते हैं।

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Image: शहद (Honey)

जबकि ये आयुर्वेदिक दवाएं और घरेलू उपचार (Home Remedy for cough) एलर्जी से राहत दिलाने में बेहद मददगार हैं, यह महत्वपूर्ण है कि आप आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का उपयोग लगातार करते रहें। ध्यान रखें कि स्थायी समाधान के लिए जहां तक ​​संभव हो एलर्जेन के संपर्क में आने से बचना और उन्हें पहचानना भी महत्वपूर्ण है। आपके दोषों के इष्टतम संतुलन को बनाए रखने के लिए एक व्यक्तिगत आहार योजना (Personal Diet Plan) का पालन करन भी मददगार रहेगा। आप उत्तम स्वास्थ्य और तनाव कम करने के लिए योग और ध्यान जैसी अन्य स्वस्थ जीवन शैली को भी अपना सकते हैं।


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